माता-पिता की सेवा से बढ़कर कोई पुण्य नहीं : पं प्रकाश चंद्र ,
पट्टी।माता-पिता की सेवा से बढ़कर इस दुनिया में कोई भी पुण्य का कार्य नहीं है,माता पिता की सेवा करना मंदिर के देवता के दर्शन के समान है,उक्त बातें पट्टी ब्लाक के परदहा सुमेर गांव में पं सुरेश चंद्र तिवारी के संयोजन में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में कथा व्यास पं प्रकाश चंद्र पांडेय विद्यार्थी महाराज ने गुरुवार को कही ।उन्होंने कहा कि भागवत कथा सुनने से सिर्फ एक व्यक्ति का लाभ नहीं होता बल्कि उससे जुड़े सभी का लाभ एवं कल्याण होता है तथा लोगों के सारे पाप मिट जाते हैं ।कथा व्यास ने भगवान के 22 रूपों का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान ने सभी अवतारों में पापियों के नाश तथा प्राणियों की रक्षा करने का कार्य किया है।महाभारत युग की चर्चा करते हुए महाराज ने कहा कि कौरवों की सेना ने पांडवों के सभी पुत्रों का वध करने के बाद उत्तरा के गर्भ में पल रहे पांडवों के अंतिम वंश को मारने के लिए अश्वत्थामा ब्रम्हास्त्र का प्रयोग करता है,तब श्री कृष्ण ने उत्तरा के गर्भ पल रहे पांडवों के अंतिम वंश की रक्षा कर धर्म की रक्षा की थी। श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा के संकीर्तन के साथ कथा को विराम दिया गया।उक्त अवसर पर ग्राम प्रधान रमेश चंद्र तिवारी,वीडीओ अरुणेश तिवारी,अमित कुमार,विनोद त्रिपाठी,इंद्रावती तिवारी,मनोज कुमार सहित अन्य लोग मौजूद रहे ।
माता-पिता की सेवा से बढ़कर कोई पुण्य नहीं : पं प्रकाश चंद्र ,
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